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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2635
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन

अध्याय - 1

रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन का अर्थ, परिभाषा, इसकी प्रासंगिकता एवं महत्व

(Meaning, Definition, its Relevance and Significance of Defense and Strategic Studies)

 

प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

स्त्रातेजी का अर्थ एवं परिभाषायें
(Meaning and Definition of Strategy)

युद्ध से पहले युद्ध की तैयारियाँ तथा युद्ध क्षेत्र में युद्ध कला दो अलग-अलग कार्य है। युद्धकला के दो भाग होते हैं-

(i) स्त्रातेजी
(ii) सामारिकी।

विभिन्न सैन्य विशारदों ने स्त्रातेजी को अपने-अपने ढंग से परिभाषित करने का प्रयास किया है। कैप्टन लिडिल हार्ट के मतानुसार "नीति के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये सैनिक साधनों को वितरित करने की कला को स्त्रातेजी या कूटयोजना कहते हैं। इस परिभाषा में स्त्रातेजी के अर्थ को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं किया गया है। इस परिभाषा के अनुसार केवल युद्ध ही स्त्रातेजिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मात्र साधन है।

इसी प्रकार क्लाजविट्ज ने स्त्रातेजी की परिभाषा देते हुए कहा है कि "युद्ध के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए लड़ाइयों की कला के प्रयोग को स्त्रातेजी कहते हैं।'

मॉड के अनुसार " जनरल की कला को स्त्रातेजी कहते हैं।"

मोल्टके के अनुसार "स्त्रातेजी वह कला है जिसके द्वारा सैन्य कमाण्डर प्राप्त साधनों के प्रयोग के द्वारा युद्ध के उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयत्न करता है।

उपरोक्त दोनों परिभाषायें भी स्त्रातेजी का सही अर्थ नहीं स्पष्ट करती है, क्योंकि युद्ध की अन्य व्यवस्थाओं को छोड़कर सैन्य कमाण्डर को सर्वोपरि माना गया है। यह परिभाषायें भ्रम पैदा करने वाली है, क्योंकि वास्तव में स्त्रातेजी को निर्धारित करने का उत्तरदायित्व सरकार पर होता है न कि सैन्य कमाण्डर पर कभी-कभी सैन्य कमाण्डर की कूटयोजना शत्रु की आकस्मिक कार्यवाहियों से असफल' हो जाती है। इसके अतिरिक्त क्लॉजविट्स की परिभाषा में सैनिक साधनों के विषय को भी स्पष्ट नहीं किया गया है। वैसे सैनिक कमाण्डर की जिम्मेदारी यह है कि वह उच्च युद्ध की योजना को पूरा करने के लिए अपनी सेना का उचित तथा लाभप्रद ढंग से प्रयोग करे। यदि कमाण्डर की बात नहीं चल पाती है तो उसे त्याग पत्र दे देने में ही लाभ होता है, परन्तु सरकार की आलोचना करने की बात उसके अधिकार के बाहर है। वास्तव में सैन्य सम्बन्धी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति होनी चाहिये, परन्तु युद्ध नीति के अनुसार सैन्य कमाण्डर को किस प्रकार की कूट योजना को क्रियात्मक रूप देना चाहिए। इस विषय को परिभाषा के अन्दर पूर्ण रूप से नहीं व्यक्त किया गया है।

वास्तव में स्त्रातेजी का अर्थ उन साधनों से होता है जिन्हें प्रयोग में लाकर अपनी सेना अधिक लाभदायक स्थिति में केन्द्रित हो सके तथा शत्रु को युद्ध भूमि में उतरने के लिए बाध्य किया जा सके इसी तथ्य को ध्यान में रख कर जर्मन कमाण्डर वाण्डर गाल्ज ने कहा है- "स्त्रातेजी का सम्बन्ध उन मुख्य साधनों से है जिनके द्वारा युद्ध क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थल पर सैनिक शक्ति को सर्वाधिक फायदेमन्द नीति से लगाया जा सकता है।

उपयुक्त सभी भाषाओं में मांल्क की परिभाषा को कुछ हद तक सही कहा जा सकता है क्योंकि सरकार सैन्य कमाण्डर अथवा जनरल को समस्त सैन्य साधन सौंप देती है तथा उसके पश्चात् युद्ध क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार उनको प्रायोगिक रूप देने का अधिकार जनरल को होता है। स्त्रातेजी न तो समरतन्त्र है और न ही तर्क। समरतन्त्र में शत्रु को लड़ाई के द्वारा अधिक हानि पहुंचाई जाती है जबकि तर्क युक्त युद्ध में शत्रु को गुप्त रूप से हथियार डालने के लिए विवश किया जाता है। कूटनीतिक योजना के विषय में एक सैन्य विचारक का कथन है, "कूटयोजना अथवा स्त्रातेजी की सारांश रूप से एक खेल है जो विरोधी इच्छाओं में संघर्ष करने के कारण उत्पन्न होता है। यह एक ऐसी कला है जो जनरल को इस योग्य बनाती है कि वह विरोधी प्रवृत्तियों के संघर्ष से उत्पन्न समस्याओं पर विजय प्राप्त करने तथा फलस्वरूप अपनी उपलब्ध तकनीकी का अधिकतम कार्यकुशलता के साथ प्रयोग कर सके। "

 

उपरोक्त सभी परिस्थितियों में मोल्तके की परिभाषा बहुत हद तक ठीक है। फिर भी स्त्रातेजी की पूरी व्याख्या नहीं कर पाती, लेकिन उसके काफी निकट तक पहुँचती है।

वास्तव में स्त्रातेजी का अर्थ उन साधनों से होता है कि जिन्हें प्रयोग में लाकर अपनी सेना को अधिक से अधिक लाभदायक स्थिति में केन्द्रित किया जा सके तथा शत्रु को रणभूमि में उतरने के लिए बाध्य किया जा सके।

 

संक्षेप में स्त्रातेजी उस नीति को कहते हैं, जिसके द्वारा उपलब्ध सैन्य साधनों को इसलिए प्रयोग किया जाता है कि युद्ध का उद्देश्य अथवा लक्ष्य पूरा हो सके। ई० ए० अर्ल ने कहा है कि स्त्रातेजी का सम्बन्ध युद्ध से होता है। संकुचित अर्थ में तो यह संग्राम थी निर्देशित करने की कला होती है, लेकिन विस्तृत अर्थ में यह राज्य कूटनीति के सभी कार्यों में निहित है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
  3. प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  5. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  7. प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
  8. प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
  9. प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
  10. प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
  14. प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
  15. प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
  19. प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
  20. प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
  21. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
  22. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
  23. प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
  25. प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
  27. प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
  29. प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
  35. प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
  40. प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
  41. प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
  47. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  48. प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  59. प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
  61. प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
  65. प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
  66. प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
  68. प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
  69. प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
  70. प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
  71. प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
  72. प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
  73. प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
  74. प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
  77. प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
  78. प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
  80. प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
  82. प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  83. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  85. प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  87. प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
  89. प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
  91. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  92. प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
  93. प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
  94. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  95. प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
  96. प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।

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